ज्ञानमार्ग सबसे सरल, सीधा और अंतिम आध्यात्मिक मार्ग है।
- सरल इसलिए क्योंकि यहां पर कोई योग, क्रिया, या घंटो घंटो तक आसान में बैठना नहीं होता, महीनों और सालों तक प्रयोग नहीं होते। केवल एक घंटे में ही ज्ञानमार्ग पूरा किया जा सकता है। जो कि साधक के बुद्धि पर निर्भर होता है, वो भी केवल श्रवण, मनन और निदिध्यासन के द्वारा।
- सीधा इसलिए क्योंकि यहां मान्यताएं और अवधारणाएं नहीं होती। केवल अनुभव और तर्क का प्रयोग होता है इसलिए बुद्धि का तेज़ होना आवश्यक है।
- अंतिम इसलिए क्योंकि यहीं पर सभी प्रश्नों के अंत होते हैं इसलिए ज्ञानमार्ग बाकी सभी आध्यात्मिक मार्गों से सर्वश्रेष्ठ भी है। साधक के इस मार्ग को पूर्ण करने के पश्चात, साधक और गुरु में कोई अंतर नही रहता। यानी साधक की रुचि हो तो ज्ञान प्रसार भी कर सकता है, गुरु की आज्ञा लेकर।
ब्रह्मांड का सबसे उच्च स्तरीय ज्ञान यानी आत्मज्ञान, माया का ज्ञान और ब्रह्मज्ञान, ज्ञानमार्ग पर प्राप्त होता है।
ज्ञानमार्ग मुक्ति का द्वार है जो हमारी मान्यताओं को और अवधारणाओं को नष्ट करता है।
ज्ञान होने के बाद साधक के जीवन में आनंद, शांति और मुक्ति प्राप्त होती है और साधक समाधि में स्थित होता है।
गुरुक्षेत्र से संपर्क जुड़ते ही आध्यात्मिक प्रगति बहुत तीव्र गति से होने लगती है।
ज्ञान का बोध होते ही जीवन में तृप्ति और संतुष्टि आती है। इसी कारण इस ब्लॉग को ज्ञानबोध के नाम से प्रकाशित किया जा रहा है, ताकि पड़ने वाले अन्य साधक भी ज्ञानमार्ग से जुड़ सकें और अध्यात्मिक प्रगति का लाभ उठा सकें।
बड़ा सटीक लिखा है आपने ज्ञान मार्ग की विशेषताओं पर।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद 🙏🙏🌹🌹
धन्यवाद
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